तू कहे अगर
तू कहे अगर
तू कहे अगर जीवन भर
मैं गीत सुनाता जाऊं
मन बिन बजाता जाउ
तू कहे अगर
और आज मैं अपने दिल की
हर दिल मैं लगता जाउ
दुःख दर्द मिटा त जाउ
तू कहे अगर
हो मैं साज़ हूँ तू सरगम है
मैं साज़ हूँ तू सरगम है
देती जा सहारे मुझको
देती जा सहारे मुझको
मैं राग हूँ तू बिना है
मैं राग हूँ तू बिना है
इस डैम जो पुकारे तुझको
आवाज़ में तेरी हर दम
आवाज़ मिलाता जाओ
आकाश पे छाता जाउ
तू कहे अगर
हु इन बोलों में
मैं समझूँ या तू जाने
इन में है कहानी मेरी
इन में है तेरे अफ़साने
इन में है तेरे अफ़साने
तू साज़ उठा उल्फ़त का
मैं झूम के गाता जाओ
सपनो को जगाता जाओ
तू कहे अगर