सारंगा तेरी याद में नैन हुए बेचैन
हो ओ सारंगा तेरी याद में नैन हुए बेचैन
हो ओ मधुर तुम्हारे मिलन बिना, दिन कटते नहीं रैन
हो ओ सारंगा तेरी याद में
वो अम्बुआ का झूलना, वो पीपल की छाँव
वो अम्बुआ का झूलना, वो पीपल की छाँव
घूँघट में जब चाँद था, मेहंदी लगी थी पाँव
आज उजड़ के रह गया वो सपनों का गाँव
हो ओ सारंगा तेरी याद में नैन हुए बेचैन
हो ओ मधुर तुम्हारे मिलन बिना, दिन कटते नहीं रैन
हो ओ सारंगा तेरी याद में
संग तुम्हारे दो घडी बीत गए जो पल
संग तुम्हारे दो घडी बीत गए जो पल
जल भरके मेरे नैन ये आज हुए बोझल
सुख लेके दुःख दे गई दो अँखियाँ चंचल
हो ओ सारंगा तेरी याद में नैन हुए बेचैन
हो ओ मधुर तुम्हारे मिलन बिना, दिन कटते नहीं रैन
हो ओ सारंगा तेरी याद में