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Mukesh - Sabthah Para Rah Lyrics



Mukesh - Sabthah Para Rah Lyrics
Official




सब ठाठ पड़ा रह जावेगा
सब ठाठ पड़ा रह जावेगा
जब लाद चलेगा बंजारा
धन तेरे काम न आवेगा
जब लाद चलेगा बंजारा

जो पाया है वो बाँट के खा
कंगाल न कर कंगाल न हो
जो सबका हल किया तूने
एक रोज़ वो तेरा हल न हो
इस हाथ से दे उस हाथ से ले
हो जावे सुखी ये जग सारा
हो जावे सुखी ये जग सारा
सब ठाठ पड़ा रह जावेगा
जब लाद चलेगा बंजारा

क्या कोठा कोठी क्या बंगला
ये दुनिया रैन बसेरा है
क्यों झगड़ा तेरे मेरे का
कुछ तेरा है न मेरा है
सुन कुछ भी साथ न जावेगा
जब कुछ का बाज़ा नाकारा
जब कुछ का बाज़ा नाकारा
सब ठाठ पड़ा रह जावेगा
जब लाद चलेगा बंजारा
धन तेरे काम न आवेगा
जब लाद चलेगा बंजारा

एक बंदा मालिक बन बैठा
हर बन्दे की किस्मत फूटी
हा इतना मोहे फसानेका
दो हाथों से दुनिया लूटी
हे दोनों हाथ मगर खली
उठा जो सिकंदर बेचारा
उठा जो सिकंदर बेचारा
सब ठाठ पड़ा रह जावेगा
जब लाद चलेगा
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सब ठाठ पड़ा रह जावेगा
सब ठाठ पड़ा रह जावेगा
जब लाद चलेगा बंजारा
धन तेरे काम न आवेगा
जब लाद चलेगा बंजारा

जो पाया है वो बाँट के खा
कंगाल न कर कंगाल न हो
जो सबका हल किया तूने
एक रोज़ वो तेरा हल न हो
इस हाथ से दे उस हाथ से ले
हो जावे सुखी ये जग सारा
हो जावे सुखी ये जग सारा
सब ठाठ पड़ा रह जावेगा
जब लाद चलेगा बंजारा

क्या कोठा कोठी क्या बंगला
ये दुनिया रैन बसेरा है
क्यों झगड़ा तेरे मेरे का
कुछ तेरा है न मेरा है
सुन कुछ भी साथ न जावेगा
जब कुछ का बाज़ा नाकारा
जब कुछ का बाज़ा नाकारा
सब ठाठ पड़ा रह जावेगा
जब लाद चलेगा बंजारा
धन तेरे काम न आवेगा
जब लाद चलेगा बंजारा

एक बंदा मालिक बन बैठा
हर बन्दे की किस्मत फूटी
हा इतना मोहे फसानेका
दो हाथों से दुनिया लूटी
हे दोनों हाथ मगर खली
उठा जो सिकंदर बेचारा
उठा जो सिकंदर बेचारा
सब ठाठ पड़ा रह जावेगा
जब लाद चलेगा
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Writer: Khaiyyaam, Azmi Kaifi
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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Mukesh - Sabthah Para Rah Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Mukesh
Length: 3:04
Written by: Khaiyyaam, Azmi Kaifi

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