प्रभु मैं आप ही आप भुलाया
प्रभु मैं आप ही आप भुलाया
देश विदेश बहुत दिन भटका
देश विदेश बहुत दिन भटका
अपने घर नही आया मैं
अपने घर नही आया
प्रभु मैं आप ही आप भुलाया
प्रभु जी मैं तो आप ही आप भुलाया
मेरे पाँव में बेड़ी बनकर पड़ गयी ममता माया
तुम मुझसे कुछ दूर ना थे पर तुम तक पहुँच ना पाया
ओ ओ ओ तुम तक पहुँच ना पाया
प्रभु मैं आप ही आप भुलाया
प्रभु जी मैं तो आप ही आप भुलाया
मन मूर्ख किनी मनमानी हीरा जनम गवाया हो
मन मूर्ख किनी मनमानी हीरा जनम गवाया
तुम तो जनम जनम थे मेरे
तुम तो जनम जनम थे मेरे
मैं ही रहा पराया ओ मैं ही रहा पराया
प्रभु मैं आप ही आप भुलाया
प्रभु जी मैं तो आप ही आप भुलाया