ओ महबूबा ओ महबूबा
तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मकसूद
तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मकसूद
वह कौनसी महफ़िल है जहाँ तू नहीं मौजूद
वह कौनसी महफ़िल है जहाँ तू नहीं मौजूद
ओ महबूबा ओ महबूबा
तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मकसूद
तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मकसूद
किस बात पे नाराज़ हो किस बात का है गम
किस सोच में डूबी हो तुम हो जाएगा संगम
किस बात पे नाराज़ हो किस बात का है गम
किस सोच में डूबी हो तुम हो जाएगा संगम
ओ महबूबा ओ महबूबा
तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मकसूद
तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मकसूद
गुज़रूँ मैं इधर से कभी गुज़रूँ मैं उधर से
मिलता है हर एक रास्ता जाकर तेरे घर से
गुज़रूँ मैं इधर से कभी गुज़रूँ मैं उधर से
मिलता है हर एक रास्ता जाकर तेरे घर से
ओ महबूबा ओ महबूबा
तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मकसूद
तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मकसूद
बाहों के तुझे हार मैं पहनाऊंगा एक दिन
सब देखते रह जायेंगे ले जाऊंगा एक दिन
बाहों के तुझे हार मैं पहनाऊंगा एक दिन
सब देखते रह जायेंगे ले जाऊंगा एक दिन
ओ महबूबा ओ महबूबा
तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मकसूद
वह कौनसी महफ़िल है जहाँ तू नहीं मौजूद
ओ महबूबा ओ महबूबा
तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मकसूद
तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मकसूद