कभी किसी की खुशियाँ कोई लूटे ना
कभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना
बनते-बनते महल किसी का टूटे ना
कभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना
बनते-बनते महल किसी का टूटे ना
कभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना
भंवर से बच के एक भटकती नाव लगी थी किनारे
भंवर से बच के एक भटकती नाव लगी थी किनारे
किसे ख़बर थी फिर पहुँचेगी इन आँसुओं के द्वारे
हाय इस तरह भाग किसी से रूठे ना
बनते-बनते महल किसी का टूटे ना
कभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना
अभी अभी दो फूलों वाली झूम रही थी डाली
अभी अभी दो फूलों वाली झूम रही थी डाली
घिरी अचानक काली बदली बिजली गिराने वाली
होते-होते साथ किसी का छूटे ना
बनते-बनते महल किसी का टूटे ना
कभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना
बनते-बनते महल किसी का टूटे ना
कभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना