गुस्से में जो निखरा है उस हुस्न का क्या कहना
कुछ देर अभी हमसे तुम यूँ ही ख़फ़ा रहना
कुछ देर अभी हमसे तुम यूँ ही ख़फ़ा रहना
इस हुस्न के शोले की तसवीरें बना ले हम
तसवीरें बना ले हम
इन गर्म निगाहों को सीने से लगा लें हम
सीने से लगा लें हम
पल भर इसी आलम में
पल भर इसी आलम में ऐ जान ए अदा रहना
कुछ देर अभी हमसे तुम यूँ ही ख़फ़ा रहना
ये बहका हुआ चेहरा ये बिखरी हुई ज़ुल्फ़ें
ये बिखरी हुई ज़ुल्फ़ें
येबढ़ती हुई धड़कन ये चढ़ती हुई साँसें
ये चढ़ती हुई साँसें
सामान ए कज़ा हो तुम
सामान ए कज़ा हो तुम सामान ए कज़ा रहना
कुछ देर अभी हमसे तुम यूँ ही ख़फ़ा रहना
पहले भी हसीं थीं तुम लेकिन ये हक़ीक़त है
लेकिन ये हक़ीक़त है
वो हुस्न मुसीबत था ये हुस्न क़यामत है
ये हुस्न क़यामत है
औरों से तो बढ़कर हो
औरों से तो बढ़कर हो खुद के भी सिवा रहना
कुछ देर अभी हमसे तुम यूँ ही ख़फ़ा रहना