बहुत दिया देनेवाले ने तुझको
बहुत दिया देनेवाले ने तुझको
आँचल ही न समाए तो क्या कीजे
बीत गए जैसे ये दिनरैना
बाक़ी भी कट जाए दुआ कीजे
जो भी दे दे मालिक तू कर ले क़ुबूल
जो भी दे दे मालिक तू कर ले क़ुबूल
कभी कभी काँटों में भी खिलते हैं फूल
वहाँ देर भले है अँधेर नहीं
घबराके यूँ गिला मत कीजे
बहुत दिया देनेवाले ने तुझको
आँचल ही न समाए तो क्या कीजे
देंगे दुख कब तक भरम के ये चोर
देंगे दुख कब तक भरम के ये चोर
अरे ढलेगी ये रात प्यारे फिर होगी भोर
कब रोके रुकी है समय की नदिया
घबराके यूँ गिला मत कीजे
बहुत दिया देनेवाले ने तुझको
आँचल ही न समाए तो क्या कीजे
बीत गए जैसे ये दिनरैना
बाक़ी भी कट जाए दुआ कीजे