रूठा क्यूँ मुझसे इतना खफ़ा ना होना इतना तू
सांसें भी तेरे बिना मैं ना लूं
जाने क्यूँ बेवजह
ओह हो रहने दे
तेरी मोहब्बतों में रहने दे
तेरे ख्वाबों में मुझे बहने दे
ऐसा होने दे तू ज़रा
मैं तो तेरे शाब की सुबह हूँ ना
हाथों की लकीरों में लिखा हूँ ना
मैं तो तेरे शाब की सुबह हूँ ना
हाथों की लकीरों में लिखा हूँ ना
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
रहता है मेरे होंठों पे तेरे होंठों का निशाँ
होता है तन्हा रातों में तेरे होने का गुमान
मुझे महसूस हुआ है ऐसा लगा है
तुमने छुआ है ना
मैं तो तेरे शाब की सुबह हूँ ना
हाथों की लकीरों में लिखा हूँ ना
मैं तो तेरे शाब की सुबह हूँ ना
हाथों की लकीरों में लिखा हूँ ना
हम्म हो
लाजिम है जैसे साँसों के लिए लाजिम है हवा
वैसे ही मेरे लिए ज़रूरी है होना तेरा
तेरे मेरे प्यार का रिश्ता सदियों रहेगा
सदियों रहा है ना
मैं तो तेरे शब की सुबह हूँ ना
हाथों की लकीरों में लिखी हूँ ना
मैं तो तेरे शब की सुबह हूँ ना
हाथों की लकीरों में लिखा हूँ ना