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Mohammed Rafi - Zulfon Ko Hatale Chehre Se Lyrics



Mohammed Rafi - Zulfon Ko Hatale Chehre Se Lyrics
Official




ज़ुल्फो को हटा ले चहरे से
हो हो हो आ हा हा होने दे
ज़ुल्फो को हटा ले चहरे से
थोड़ा सा उजाला होने दे
सूरज को ज़रा शर्मिदा कर
मुंह रात का काला होने दे
ज़ुल्फो को हटा ले चहरे से

हो जो मौसम को पता
ये तेरी ज़ुल्फ़ है क्या
चुम ले मांग तेरी
झुक के सावन की घटा
हो जो मौसम को पता
ये तेरी ज़ुल्फ़ है क्या
चुम ले मांग तेरी
झुक के सावन की घटा
ज़ुल्फ़ लहराए लहरा के बादल बने
जो भी देखे तुझे तेरा पागल बने
ऐसा भी नज़ारा होने दे
ज़ुल्फो को हटा ले चहरे से
थोड़ा सा उजाला होने दे
सूरज को ज़रा शर्मिदा कर
मुंह रात का काला होने दे
ज़ुल्फो को हटा ले चहरे से

देख नाराज़ ना हो
मेरे मासूम सनम
मैं कोई गैर नहीं
तेरी आँखों की कसम
देख नाराज़ ना हो
मेरे मासूम सनम
मैं कोई गैर नहीं
तेरी आँखों की कसम
दे इजाज़त की
तेरे क़दम चूम लू
साथ मैं भी तेरे दो घडी झूम लूँ
हल्का सा इशारा होने दे
ज़ुल्फो को हटा ले चहरे से
थोड़ा सा उजाला होने दे
सूरज को ज़रा शर्मिदा कर
मुंह रात का काला होने दे
हाय ज़ुल्फो को हटा ले चहरे
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ज़ुल्फो को हटा ले चहरे से
हो हो हो आ हा हा होने दे
ज़ुल्फो को हटा ले चहरे से
थोड़ा सा उजाला होने दे
सूरज को ज़रा शर्मिदा कर
मुंह रात का काला होने दे
ज़ुल्फो को हटा ले चहरे से

हो जो मौसम को पता
ये तेरी ज़ुल्फ़ है क्या
चुम ले मांग तेरी
झुक के सावन की घटा
हो जो मौसम को पता
ये तेरी ज़ुल्फ़ है क्या
चुम ले मांग तेरी
झुक के सावन की घटा
ज़ुल्फ़ लहराए लहरा के बादल बने
जो भी देखे तुझे तेरा पागल बने
ऐसा भी नज़ारा होने दे
ज़ुल्फो को हटा ले चहरे से
थोड़ा सा उजाला होने दे
सूरज को ज़रा शर्मिदा कर
मुंह रात का काला होने दे
ज़ुल्फो को हटा ले चहरे से

देख नाराज़ ना हो
मेरे मासूम सनम
मैं कोई गैर नहीं
तेरी आँखों की कसम
देख नाराज़ ना हो
मेरे मासूम सनम
मैं कोई गैर नहीं
तेरी आँखों की कसम
दे इजाज़त की
तेरे क़दम चूम लू
साथ मैं भी तेरे दो घडी झूम लूँ
हल्का सा इशारा होने दे
ज़ुल्फो को हटा ले चहरे से
थोड़ा सा उजाला होने दे
सूरज को ज़रा शर्मिदा कर
मुंह रात का काला होने दे
हाय ज़ुल्फो को हटा ले चहरे
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Writer: ONKAR PRASAD NAYYAR, S H BIHARI
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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