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Mohammed Rafi - Sawan Ke Mahine Mein [Part 1] Lyrics



Mohammed Rafi - Sawan Ke Mahine Mein [Part 1] Lyrics
Official




सोचता हूँ की पियूं पियूं ना पियूं
ताक दामन के सियूं सियूं ना सियूं
देख कर जाम कशमकश मे हूँ
क्या करूँ मैं जियुं जियुं हाय! ना जियुं
सावन के महीने मे, एक आग सी सिने मे
लगती है तो पी लेता हू, दो चार घड़ी जी लेता हू
सावन के महीने मे
चाँद की चाल भी है बहकी हुई
रात की आँख भी शराबी है
सारी कुदरत नशे मे है जब यू
अरे मैने पी ली तो क्या खराबी है
सावन के महीने मे
एक आग सी सिने मे
लगती है तो पी लेता हू
दो चार घड़ी जी लेता हू
सावन के महीने मे
एक आग सी सिने मे
लगती है तो पी लेता हू
दो चार घड़ी जी लेता हू
सावन के महीने मे
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सोचता हूँ की पियूं पियूं ना पियूं
ताक दामन के सियूं सियूं ना सियूं
देख कर जाम कशमकश मे हूँ
क्या करूँ मैं जियुं जियुं हाय! ना जियुं
सावन के महीने मे, एक आग सी सिने मे
लगती है तो पी लेता हू, दो चार घड़ी जी लेता हू
सावन के महीने मे
चाँद की चाल भी है बहकी हुई
रात की आँख भी शराबी है
सारी कुदरत नशे मे है जब यू
अरे मैने पी ली तो क्या खराबी है
सावन के महीने मे
एक आग सी सिने मे
लगती है तो पी लेता हू
दो चार घड़ी जी लेता हू
सावन के महीने मे
एक आग सी सिने मे
लगती है तो पी लेता हू
दो चार घड़ी जी लेता हू
सावन के महीने मे
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Writer: MADAN MOHAN, RAJINDER KRISHAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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Mohammed Rafi - Sawan Ke Mahine Mein [Part 1] Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Mohammed Rafi
Length: 3:28
Written by: MADAN MOHAN, RAJINDER KRISHAN
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