किसी की याद में पाई है जब कमी हम ने
किसी की याद में पाई है जब कमी हम ने
तो आँसुओं से जला दी है ज़िंदगी हम ने
किसी की याद में
सियाह रात का दामन है और कुछ भी नहीं
सियाह रात का दामन है और कुछ भी नहीं
वो जिस मुकाम पे देखी थी रोशनी हम ने
किसी की याद में
तेरे ख़याल का शीशा ना टूट जाए कहीं
तेरे ख़याल का शीशा ना टूट जाए कहीं
इसी ख़याल में हर शब गुज़ार दी हम ने
तो आँसुओं से जला दी है ज़िंदगी हम ने
किसी की याद में