चले आज तुम जहां से हुई ज़िन्दगी परायी (आ आ आ आ आ आ)
तुम्हे मिल गया ठिकाना हमें मौत भी न आयी (आ आ आ आ आ)
आ आ आ आ आ आ
ओ दूर के मुसाफिर हम को भी साथ ले ले रे
हम को भी साथ ले ले
हम रह गए अकेले
ओ दूर के मुसाफिर हम को भी साथ ले ले रे
हम को भी साथ ले ले
हम रह गए अकेले
आ आ आ आ आ आ
तूने वो दे दिया गम बेमौत मर गए हम
दिल उठ गया जहां से ले चल हमें यहां से
ले चल हमें यहां से
किस काम की ये दुनिया जो ज़िन्दगी से खेले रे
हम को भी साथ ले ले हम रह गए अकेले
आ आ आ आ आ
सुनी है दिल की राहें खामोश है निगाहें
नाकाम हसरतो का उठने को है जनाज़ा
उठने को है जनाज़ा
चारों तरफ लगे है बरबादियों के मेले रे
हम को भी साथ ले ले हम रह गए अकेले
ओ दूर के मुसाफिर हम को भी साथ ले ले रे (आ आ आ आ आ आ)
हम को भी साथ ले ले हम रह गए अकेले (आ आ आ आ आ आ)