Back to Top

Apni Azadi Ko Hum Video (MV)




Performed By: Mohammed Rafi
Length: 4:38
Written by: Naushad, Shakeel Badayuni




Mohammed Rafi - Apni Azadi Ko Hum Lyrics
Official




अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
सर झुका सकते नहीं
हमने सदियों में ये आज़ादी की नेमत पाई है
हमने ये नेमत पाई है
सैकड़ों क़ुरबानियाँ देकर ये दौलत पाई है
हमने ये दौलत पाई है
मुस्कराकर खाई हैं सीनों पे अपने गोलियाँ
सीनों पे अपने गोलियाँ
कितने वीरानों से गुज़रे हैं तो जन्नत पाई है
ख़ाक में हम अपनी इज़्ज़त को मिला सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं

क्या चलेगी ज़ुल्म की अहले वफ़ा के सामने
अहले वफ़ा के सामने
जा नहीं सकता कोई शोला हवा के सामने
शोला हवा के सामने
लाख फ़ौजें ले के आई अमन का दुश्मन कोई
लाख फ़ौजें ले के आई अमन का दुश्मन कोई
रुक नहीं सकता हमारी एकता के सामने
हम वो पत्थर हैं जिसे दुश्मन हिला सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
सर झुका सकते नहीं

वक़्त की आवाज़ के हम साथ चलते जाएंगे
हम साथ चलते जाएंगे
हर क़दम पर ज़िंदगी का रुख़ बदलते जाएंगे
हम रुख़ बदलते जाएंगे
गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दार ए वतन
जो कोई गद्दार ए वतन
अपनी ताक़त से हम उसका सर कुचलते जाएंगे
एक धोखा खा चुके हैं और खा सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
वन्दे मातरम वन्दे मातरम वन्दे मातरम
हम वतन के नौजवां हैं हमसे जो टकराएगा
हमसे जो टकराएगा
वो हमारी ठोकरों से ख़ाक में मिल जाएगा
ख़ाक में मिल जाएगा
वक़्त के तूफ़ान में बह जाएंगे ज़ुल्मों-सितम
आसमां पर ये तिरंगा उम्र भर लहराएगा
उम्र भर लहराएगा
जो सबक बापू ने सिखलाया भुला सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
सर झुका सकते नहीं
हमने सदियों में ये आज़ादी की नेमत पाई है
हमने ये नेमत पाई है
सैकड़ों क़ुरबानियाँ देकर ये दौलत पाई है
हमने ये दौलत पाई है
मुस्कराकर खाई हैं सीनों पे अपने गोलियाँ
सीनों पे अपने गोलियाँ
कितने वीरानों से गुज़रे हैं तो जन्नत पाई है
ख़ाक में हम अपनी इज़्ज़त को मिला सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं

क्या चलेगी ज़ुल्म की अहले वफ़ा के सामने
अहले वफ़ा के सामने
जा नहीं सकता कोई शोला हवा के सामने
शोला हवा के सामने
लाख फ़ौजें ले के आई अमन का दुश्मन कोई
लाख फ़ौजें ले के आई अमन का दुश्मन कोई
रुक नहीं सकता हमारी एकता के सामने
हम वो पत्थर हैं जिसे दुश्मन हिला सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
सर झुका सकते नहीं

वक़्त की आवाज़ के हम साथ चलते जाएंगे
हम साथ चलते जाएंगे
हर क़दम पर ज़िंदगी का रुख़ बदलते जाएंगे
हम रुख़ बदलते जाएंगे
गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दार ए वतन
जो कोई गद्दार ए वतन
अपनी ताक़त से हम उसका सर कुचलते जाएंगे
एक धोखा खा चुके हैं और खा सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
वन्दे मातरम वन्दे मातरम वन्दे मातरम
हम वतन के नौजवां हैं हमसे जो टकराएगा
हमसे जो टकराएगा
वो हमारी ठोकरों से ख़ाक में मिल जाएगा
ख़ाक में मिल जाएगा
वक़्त के तूफ़ान में बह जाएंगे ज़ुल्मों-सितम
आसमां पर ये तिरंगा उम्र भर लहराएगा
उम्र भर लहराएगा
जो सबक बापू ने सिखलाया भुला सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Naushad, Shakeel Badayuni
Copyright: Lyrics © Royalty Network


Tags:
No tags yet