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Ab Koi Gulshan Na Ujde Video (MV)




Performed By: Mohammed Rafi
Length: 3:41
Written by: Jaidev, Sahir Ludhianvi




Mohammed Rafi - Ab Koi Gulshan Na Ujde Lyrics
Official




अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
रूह गंगा की हिमालय का बदन आज़ाद है
रूह गंगा की हिमालय का बदन आज़ाद है
रूह गंगा
आ आ आ आ
खेतियाँ सोना उगाएं वादियाँ मोती लुटाएं
खेतियाँ सोना उगाएं वादियाँ मोती लुटाएं
आज गौतम की ज़मीं तुलसी का बन आज़ाद है
आज गौतम की ज़मीं तुलसी का बन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
ओ ओ ओ ओ ओ

मंदिरों में शंख बाजे मस्जिदों में हो अज़ा
आ आ आ आ
मंदिरों में शंख बाजे मस्जिदों में हो अज़ा
शेख का धर्म शेख का धर्म और दीन ए बरहमन आज़ाद है
शेख का धर्म और दीन ए बरहमन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
आ आ आ आ
लूट कैसी भी हो अब इस देश में रहने न पाए
लूट कैसी भी हो अब इस देश में रहने न पाए
आज सबके वास्ते आज सबके वास्ते
धरती का धन आज़ाद है
आज सबके वास्ते
धरती का धन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
कोई गुलशन ना उजड़े
गुलशन ना उजड़े
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
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अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
रूह गंगा की हिमालय का बदन आज़ाद है
रूह गंगा की हिमालय का बदन आज़ाद है
रूह गंगा
आ आ आ आ
खेतियाँ सोना उगाएं वादियाँ मोती लुटाएं
खेतियाँ सोना उगाएं वादियाँ मोती लुटाएं
आज गौतम की ज़मीं तुलसी का बन आज़ाद है
आज गौतम की ज़मीं तुलसी का बन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
ओ ओ ओ ओ ओ

मंदिरों में शंख बाजे मस्जिदों में हो अज़ा
आ आ आ आ
मंदिरों में शंख बाजे मस्जिदों में हो अज़ा
शेख का धर्म शेख का धर्म और दीन ए बरहमन आज़ाद है
शेख का धर्म और दीन ए बरहमन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
आ आ आ आ
लूट कैसी भी हो अब इस देश में रहने न पाए
लूट कैसी भी हो अब इस देश में रहने न पाए
आज सबके वास्ते आज सबके वास्ते
धरती का धन आज़ाद है
आज सबके वास्ते
धरती का धन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
कोई गुलशन ना उजड़े
गुलशन ना उजड़े
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
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Writer: Jaidev, Sahir Ludhianvi
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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