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Mohammed Rafi - Aadhi Tum Kha Lo Aadhi Ham Kha Le Lyrics



Mohammed Rafi - Aadhi Tum Kha Lo Aadhi Ham Kha Le Lyrics
Official




आधी तुम खा लो
आधी हम खा लें
मिल जुल के ज़माने में
गुज़ारा कर लें
हो तेरा ग़म मेरा ग़म
एहि गाते चलें हम
दुख सुख का जी यूँ बंटवारा कर लें
हो मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें

कोई भूखा न रहे
कोई नंगा न रहे
सारी दुनिया में प्यार की गंगा बहे

कोई भूखा न रहे
कोई नंगा न रहे
सारी दुनिया में प्यार की गंगा बहे
होय चल चल भाई चल
पिए प्रीत का जल
दुख सुख का जी यूँ बंटवारा कर लें
मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें
आधी तुम खा लो आधी हम खा लें
हो मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें

चलें कोई ऐसी चाल
टूटे दुःख का ये जाल
दुनिया से मिट जाएँ
छोटे बड़े का रवाल
लेना गिरते को थाम
बड़ा अच्छा है ये काम
दुःख सुख का जी
यूँ बटवारा कर लें
हो मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें
आधी तुम खा लो आधी हम खा लें
मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें

सारे जग की ये धुल
बन सकती है फूल
ऐसा होता नहीं क्यूँ
सोचो किसकी है भूल
मिल बैठे सारे भाई
करो दिलों की सफाई
झाड़ू दिलों में लगाओ
सारे झगडे मिटाओ अरे मेरा चूल्हा तेरी दाल
कैसे मिले सुरताल
दुःख सुख का जी
यूँ बटवारा कर लें
हो मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें
आधी तुम खा लो
आधी हम खा लें
मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें
तेरा ग़म मेरा ग़म
एहि गाते चलें हम
दुःख सुख का जी
यूँ बटवारा कर लें
हो मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें
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आधी तुम खा लो
आधी हम खा लें
मिल जुल के ज़माने में
गुज़ारा कर लें
हो तेरा ग़म मेरा ग़म
एहि गाते चलें हम
दुख सुख का जी यूँ बंटवारा कर लें
हो मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें

कोई भूखा न रहे
कोई नंगा न रहे
सारी दुनिया में प्यार की गंगा बहे

कोई भूखा न रहे
कोई नंगा न रहे
सारी दुनिया में प्यार की गंगा बहे
होय चल चल भाई चल
पिए प्रीत का जल
दुख सुख का जी यूँ बंटवारा कर लें
मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें
आधी तुम खा लो आधी हम खा लें
हो मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें

चलें कोई ऐसी चाल
टूटे दुःख का ये जाल
दुनिया से मिट जाएँ
छोटे बड़े का रवाल
लेना गिरते को थाम
बड़ा अच्छा है ये काम
दुःख सुख का जी
यूँ बटवारा कर लें
हो मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें
आधी तुम खा लो आधी हम खा लें
मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें

सारे जग की ये धुल
बन सकती है फूल
ऐसा होता नहीं क्यूँ
सोचो किसकी है भूल
मिल बैठे सारे भाई
करो दिलों की सफाई
झाड़ू दिलों में लगाओ
सारे झगडे मिटाओ अरे मेरा चूल्हा तेरी दाल
कैसे मिले सुरताल
दुःख सुख का जी
यूँ बटवारा कर लें
हो मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें
आधी तुम खा लो
आधी हम खा लें
मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें
तेरा ग़म मेरा ग़म
एहि गाते चलें हम
दुःख सुख का जी
यूँ बटवारा कर लें
हो मिल जुल के ज़माने में गुज़ारा कर लें
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Madan Mohan, Rajinder Krishnan
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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