या साहीबल जमाल ओ वाया सय्याडुल बशर
मीं वाझिकल मुनीरो लक़ाद नववरूल क़मर
ला यूंकिनूस समा'आका मा काना हक़्क़ूहु
बढ़त ए खुदा, बुज़ुर्ग तुई
क़िस्सा ए मुख़्टासर
मरहबा सय्यदी मक्की मदनी उल अरबी
मरहबा सय्यदी मक्की मदनी उल अरबी
दिलो जहाँ हिदायत से अजब खुश ना कभी
दिलो जहाँ हिदायत से अजब खुश ना कभी
मरहबा सय्यदी मक्की मदनी उल अरबी
मरहबा सय्यदी मक्की मदनी उल अरबी
होके मायूस तेरे दर से सवाली ना गया
खाली हाथ आया मगर लौट के खाली ना गया
होके मायूस तेरे दर से सवाली ना गया
खाली हाथ आया मगर लौट के खाली ना गया
है तू ही आब्जल अली इंसान आए महबूबे खुदा
है तू ही आब्जल अली इंसान आए महबूबे खुदा
आए क़ुरैशी, ला काबी हाशमी, ओ मुत्तलबी
दिलो जहाँ हिदायत से अजब खुश ना कभी
मरहबा सय्यदी मक्की मदनी उल अरबी
मरहबा सय्यदी मक्की मदनी उल अरबी
मरहबा सय्यदी मक्की मदनी उल अरबी
मरहबा सय्यदी मक्की मदनी उल अरबी