संसार के पालनहार प्रभु के गुण मैं गाता हूँ
हरी के दसवें अवतार की कथा सुनो सुनाता हूँ
जब भीषण कलयुग आएगा
जब पाप पुन्य कहायेगा
उलटे होंगे जब काम सभी
भूलेंगे प्रभु का नाम सभी
हरने को धरा का भार
हरने को धरा का भार
हरने को धरा का भार
हरी तब लेंगे कलगी अवतार
हरी तब लेंगे कलगी अवतार हरी
कर नेत्र दान को धार प्रभु
और अश्व पे हो के सवार प्रभु
धारण कर श्वेत वस्त्र तन पे
दर्शन देंगे ब्रामण बन के हरने को धरा का भार
हरी तब लेंगे कलगी अवतार
तब लेंगे कलगी अवतार हरी
बोलो कलगी भगवान की जय
युग युग में जो भक्तों के हित रूप अनेक धरे
वही प्रभु दुःख के सागर से सबको पार करे
विष्णु पुराण सुने जो कोई वो भव सिंधु तरे
केशव कृपा सिंधु करुनामय
जय जगदीश हरे हरे
गाओ रे गुण गाओ हरी के
जो दुःख दूर करे हरी गाओ रे गुण गाओ हरी के
जो दुःख दूर करे हरे
जय जगदीश हरे हरे
जय जगदीश हरे हरे
जय जगदीश हरे हरे
जय जगदीश हरे हरे
जय जगदीश हरे