दो दिन ही मधु मुझे पिला कर, ख़ूब उठी साक़ी बाला
दो दिन ही मधु मुझे पिला कर, ख़ूब उठी साक़ी बाला
भर कर अब खिसका देती है, वह मेरे आगे प्याला
नाज़ अदा आ आ
नाज़ अदा अन्दाज़ों से अब, हाय पिलाना दूर हुआ
अब तो कर देती है केवल, फ़र्ज़-अदाई मधुशाला
अब तो कर देती है केवल, फ़र्ज़-अदाई मधुशाला
अब तो कर देती है केवल, फ़र्ज़-अदाई मधुशाला
फ़र्ज़-अदाई मधुशाला