बने पुजारी, प्रेमी साक़ी, गंगाजल पावन हारा
रहे फेरता, अविरत गति से मधु के प्यालों की माला
और लिये जा, और पिये जा
और लिये जा, और पिये जा, इसी मंत्र का जाप करे
मैं शिव की प्रतिमा बन बैठूँ
मैं शिव की प्रतिमा बन बैठूँ, मन्दिर हो ये मधुशाला
मैं शिव की प्रतिमा बन बैठूँ, मन्दिर हो ये मधुशाला