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Abhi Toh Main Jawan Hoon Video (MV)




Performed By: Malika Pukhraj
Featuring: Richa Sharma
Length: 4:40
Written by: Hafeez Jalandhari
[Correct Info]



Malika Pukhraj - Abhi Toh Main Jawan Hoon Lyrics
Official




[ Featuring Richa Sharma ]

अभी तो मैं जवान हूँ
अभी तो मैं जवान हूँ
अभी तो मैं जवान हूँ
अभी तो मैं जवान हूँ

हवा भी ख़ुशगवार है, गुलों पे भी निखार है
तरन्नुमें हज़ार हैं, बहार पुरबहार है
कहाँ चला है साक़िया
कहाँ चला है साक़िया इधर तो लौट घर को आ
अरे, यह देखता है क्या? उठा सुबू, सुबू उठा
सुबू उठा, पियाला भर पियाला भर के दे इधर
चमन की सिम्त कर नज़र, समा तो देख बेख़बर
वो काली-काली बदलियाँ
वो काली-काली बदलियाँ
उफ़क़ पे हो गई अयां
वो इक हजूम-ए-मैकशां, है सू-ए-मैकदा रवां
ये क्या गुमां है बदगुमां, समझ न मुझको नातवां
ख़याल-ए-ज़ोह्द अभी कहाँ? अभी तो मैं जवान हूँ

इबादतों का ज़िक्र है, निजात की भी फ़िक्र है
जुनून है सबाब का, ख़याल है अज़ाब का
मगर सुनो तो शेख़ जी, अजीब शय हैं आप भी
भला शबाब-ओ-आशिक़ी, अलग हुए भी हैं कभी
हसीन जलवारेज़ हो, अदाएं फ़ितनख़ेज़ हो
हवाएं इत्र्बेज़ हों, तो शौक़ क्यूँ न तेज़ हो
निगारहा-ए-फ़ितनागर
निगारहा-ए-फ़ितनागर
कोई इधर कोई उधर
कोई इधर कोई उधर
उभारते हो ऐश पर, तो क्या करे कोई बशर
चलो जी क़िस्सा मुख़्तसर, तुम्हारा नुक़्ता-ए-नज़र
दुरुस्त है तो हो मगर, अभी तो मैं जवान हूँ
अभी तो मैं जवान हूँ
अभी तो मैं जवान हूँ
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अभी तो मैं जवान हूँ
अभी तो मैं जवान हूँ
अभी तो मैं जवान हूँ
अभी तो मैं जवान हूँ

हवा भी ख़ुशगवार है, गुलों पे भी निखार है
तरन्नुमें हज़ार हैं, बहार पुरबहार है
कहाँ चला है साक़िया
कहाँ चला है साक़िया इधर तो लौट घर को आ
अरे, यह देखता है क्या? उठा सुबू, सुबू उठा
सुबू उठा, पियाला भर पियाला भर के दे इधर
चमन की सिम्त कर नज़र, समा तो देख बेख़बर
वो काली-काली बदलियाँ
वो काली-काली बदलियाँ
उफ़क़ पे हो गई अयां
वो इक हजूम-ए-मैकशां, है सू-ए-मैकदा रवां
ये क्या गुमां है बदगुमां, समझ न मुझको नातवां
ख़याल-ए-ज़ोह्द अभी कहाँ? अभी तो मैं जवान हूँ

इबादतों का ज़िक्र है, निजात की भी फ़िक्र है
जुनून है सबाब का, ख़याल है अज़ाब का
मगर सुनो तो शेख़ जी, अजीब शय हैं आप भी
भला शबाब-ओ-आशिक़ी, अलग हुए भी हैं कभी
हसीन जलवारेज़ हो, अदाएं फ़ितनख़ेज़ हो
हवाएं इत्र्बेज़ हों, तो शौक़ क्यूँ न तेज़ हो
निगारहा-ए-फ़ितनागर
निगारहा-ए-फ़ितनागर
कोई इधर कोई उधर
कोई इधर कोई उधर
उभारते हो ऐश पर, तो क्या करे कोई बशर
चलो जी क़िस्सा मुख़्तसर, तुम्हारा नुक़्ता-ए-नज़र
दुरुस्त है तो हो मगर, अभी तो मैं जवान हूँ
अभी तो मैं जवान हूँ
अभी तो मैं जवान हूँ
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Hafeez Jalandhari
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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