आया वो फिर नज़र ऐसे
बात छिडने लगीं फिर से
आँखों में चूभता कल का धुआँ
हाल तेरा ना हम सा हैं
इस खुशी में क्यों गम सा हैं
बसने लगा क्यों फिर वो जहाँ
वो जहाँ दूर जिससे गए थे निकल
फिर से यादों ने कर दी है जैसे पहल
ओ हो ओ ओ ओ ओ
दर्द पहले से हैं ज्यादा
खुद से फिर ये किया वादा
खामोश नजरें रहें बेजुबां
अब ना पहले सी बातें हैं
बोलो तो लब थर थराते हैं
राज़ ये दिल का
ना हो बयां
हो गया के असर कोई हम पे नहीं
हमसफर में तो हैं
हमसफर हैं नहीं
दुर जाती रही
पास आती रही
खामखा बेवजह ख्वाब बुनती रही