वो पास भी रहकर पास नहीं
वो पास भी रहकर पास नहीं
हम दूर भिरहकर दूर नहीं
हम दूर भिरहकर दूर नहीं
दो बिच्छड़े हुए दिल मिल जाए
किस्मत को भी मंज़ूर नहीं
किस्मत को भी मंज़ूर नहीं
वो आये तो दिल का अफसाना
हम कह ना सके वो सुन ना सके
वो हमसे जुदा क्यों रहते हैं
वो हमसे जुदा क्यों रहते हैं
जो दिल से हमारे दूर नहीं
जो दिल से हमारे दूर नहीं
ओ बिगड़ी हुई तकदीर बता
क्या हमसे हुयी है ऐसी खता (आ आ )
कश्ती को किनारा मिल जाए
कश्ती को किनारा मिल जाए
बेदर्द तुझे मंज़ूर नहीं
बेदर्द तुझे मंज़ूर नहीं
वह पास भी रहकर भी पास नहीं
हम दूर भी रहकर दूर नहीं
हम दूर भी रहकर दूर नहीं