[ Featuring Mohammed Rafi ]
तुम लाख छुपाना चाहोगे
पर प्यार छुपा न पाओगे
कच्चे धागे से बंधे सरकार चले आओगे
सरकार चले आओगे
तुम लाख जताना चाहो
पर प्यार जता न पाओगे
दिल को थाम हाथों से
खामोश चले जाओगे
खामोश चले जाओगे
तुम लाख छुपाना चाहोगे
पर प्यार छुपा न पाओगे
कच्चे धागे से बंधे सरकार चले आओगे
सरकार चले आओगे
तुम्हारे चेहरे की रंगत तो ये बताती है
किसी की याद तुम्हे हर घड़ी सताती है
ये उलझे बाल मोहब्बत का राज़ कहते है
कमल से नैं ख्यालों में डूबे रहते है
तुम्हारी चाल में सोखी है और सररत है
जरूर तुमको किसी न किसी से उल्फ़त है
लो राज़ खुल गया अब किसलिए छुपाते हो
जमाना जान गया हमको क्यों बनाते हो
तुम लाख छुपाना चाहोगे
पर प्यार छुपा न पाओगे
कच्चे धागे से बंधे सरकार चले आओगे
सरकार चले आओगे
तुम लाख जताना चाहो
पर प्यार जता न पाओगे
दिल को थाम हाथों से
खामोश चले जाओगे
खामोश चले जाओगे
तुम्हारे होठों पे हर बात कांप जाएगी
लगी ये दिल की जुबा पर कभी न आयेगी
बताओ कैसे जताओगे प्यार फिर अपना
न होगा पूरा कभी आरज़ू का ये सपना
तुम्हे ये प्यार की हसरत
बहुत सताएगी
कभी रुलायेगी तुमको कभी हसायेगी
हमारे कुजे में आशिक़ हज़ार आते है
मगर जो आते है वो होश भूल जाते है
तुम लाख जताना चाहो
पर प्यार जता न पाओगे
दिल को थाम हाथों से
खामोश चले जाओगे खामोश