तोही मोरी, तोही मोरी लगन लगाए रे फकीरवा
तोही मोरी लगन लगाए रे फकीरवा सोवत ही मैं
सोवत ही मैं, सोवत ही मैं, अपने आँगन मे
सबर म्हारी जगाए रे फकीरवा तोही मोरी
तोही मोरी लगन लगाए रे फकीरवा तोही मोरी साई
डूबत ही भव के सागर मे आ आ आ आ
डूबत ही भव के सागर मे पकड़ बाह समझाए रे फकीरवा
तोही मोरी, तोही मोरी लगन लगाए रे फकीरवा तोही मोरी साई
एक बचन बचन नही दूजा आ आ आ आ
एक बचन बचन नही दूजा बंधन मोहे छुड़ाए रे फकीरवा
तोही मोरी, तोही मोरी लगन लगाए रे फकीरवा तोही मोरी साई
कहत कबीर सुनो भाई साधो ओ ओ ओ ओ
कहत कबीर सुनो भाई साधो ओ ओ
प्राण ना प्राण लगाए रे फकीरवा
तोही मोरी, तोही मोरी लगन लगाए रे फकीरवा
तोही मोरी लगन लगाए रे फकीरवा तोही मोरी साई