तेरे जलवे अब मुझे हरसू नज़र आने लगे
तेरे जलवे अब मुझे हरसू नज़र आने लगे
काश ये भी हो के मुझमे तू नज़र आने लगे
तेरे जलवे अब मुझे हरसू नज़र आने लगे
इब्तदा ये थी के देखी थी खुशी की एक झलक
इब्तदा ये थी के देखी थी खुशी की एक झलक
इंतेहा ये है के ग़म हरसू नजर आने लगे
काश ये भी हो के मुझमे तू नज़र आने लगे
तेरे जलवे अब मुझे हरसू नज़र आने लगे
बेक़रारी बढ़ते बढ़ते दिल की फ़ितरत बन गई
बेक़रारी बढ़ते बढ़ते दिल की फ़ितरत बन गई
शायद अब तस्कीन का पहलू नज़र आने लगे
तेरे जलवे अब मुझे हरसू नज़र आने लगे
काश ये भी हो के मुझमे तू नज़र आने लगे
खत्म करदे ऐ सबा अब शाम-ए-ग़म की दास्तां
खत्म करदे ऐ सबा अब शाम-ए-ग़म की दास्तां
देख उन आँखों में भी आँसू नजर आने लगे
तेरे जलवे अब मुझे हरसू नज़र आने लगे
काश दे भी हो के मुझमे तू नज़र आने लगे