आ आ आ आ आ आ
सखी री मेरा मन उल्झे तन डोले
सखी री मेरा मन उल्झे तन डोले
मन उल्झे तन डोले
अब चैन पड़े तब ही जब उनसे मिलन हो ले
सखी री मेरा मन उल्झे तन डोले
सखी री मेरा मन उल्झे तन डोले
लाख जतन करूँ ध्यान बटे ना
ये रसवंती रेन कटे ना
लाख जतन करूँ ध्यान बटे ना
ये रसवंती रेन कटे ना
पवन अगन सी घोल
अब चैन पड़े तब ही जब उनसे मिलन हो ले
सखी री मेरा मन उल्झे तन डोले
सखी री मेरा मन उल्झे तन डोले
सांस भी लूँ तो आँच सी आये
कंचन काया पिघलि जाए
सांस भी लूँ तो आँच सी आये
कंचन काया पिघलि जाए
अधरों में त्रिशहना बोले
अब चैन पड़े तब ही जब उनसे मिलन हो ले
सखी री मेरा मन उल्झे तन डोले
सखी री मेरा मन उल्झे तन डोले