प्यारे बाबुल से बिछड़ के हो
प्यारे बाबुल से बिछड़ के
घर का अंगना सुना करके
गोरी कहा चली घूँघट में चाँद छुपाये
गोरी कहा चली घुंगट में चाँद छुपाये
सुनो कहती है शेहनाई हो ओ (सुनो कहती है शेहनाई हो ओ)
सुनो कहती है शेहनाई (सुनो कहती है शेहनाई)
गोरी हो गई पराई (गोरी हो गई पराई)
चंचल घोड़े पे सवार लेने साजना आये
चंचल घोड़े पे सवार लेने साजना आये
सूने महल उदास अटारी रूठी रूठी सी फुलवारी
दिल में तड़प चेहरे पे हँसी है हाय लगी ये कैसी कटारी
हाय लगी ये कैसी कटारी
बाबुल काहे को छुपाये हो (बाबुल काहे को छुपाये हो)
बाबुल काहे को छुपाये (बाबुल काहे को छुपाये)
दर्द होठो से दबाये (दर्द होठो से दबाये)
तू ये चाहे के न चाहे आँसू आँख में आये
प्यारे बाबुल से बिछड़ के घर का अंगना सुना करके
गोरी कहा चली घूँघट में चाँद छुपाये
गोरी कहा चली घुंगट में चाँद छुपाये (गोरी कहा चली घुंगट में चाँद छुपाये)
जाने अनजाने भूल हुई जो मेरी सखी उसे दिल से भुला दे
नहीयर का रहे नाम उजागर रे बाबुल मोहे ऐसी दुआ दे
सबके दिल की दुवाए हो (सबके दिल की दुवाए हो)
सबके दिल की दूवाए तेरे संग संग जाये (सबके दिल की दूवाए तेरे संग संग जाये)
कभी कोई भी दुःख तेरे पास न आये
प्यारे बाबुल से बिछड़ के
घर का अंगना सुना करके
गोरी कहा चली घूँघट में चाँद छुपाये
गोरी कहा चली घुंगट में चाँद छुपाये