पपिहा रे, पीव की बाणी ना बोल
पपिहा रे, पीव की बाणी ना बोल
पीव की बाणी ना बोल, ना बोल पपिहा रे ए ए
थारा शब्द सुहावणा रे, थारा शब्द सुहावणा रे
जो पीव मिल्या आज थारी चोंच मढ़ाऊ सोवनी रे
तू मेरे सिर दा, तू मेरे सिर दा
पीव की बाणी ना बोल, ना बोल पपिहा रे ए ए
प्रीतम को पतीया लिखू कौआ तू ले जाये
प्रीतम जो सो यो कहे रे
थारी बिरहणी धान ना खाय, धान ना खाय
बिरहनी धान ना खाय
पीव की बाणी ना बोल, ना बोल पपिहा रे ए ए
मीरा दासी व्याकुल रे पीव पीव करात बिहायी
बेगी मिलो प्रभु अंतर्यामी
बेगी मिलो प्रभु अंतर्यामी
तुम बिन रह्यो ना जायी
तुम बिन रह्यो ना जायी
तुम बिन रह्यो ना जायी
तुम बिन रह्यो ना जायी
तुम बिन रह्यो ना जायी