ओम नमोजी आद्या वेद प्रतिपाद्या
जय जय स्वसंवेद्या आत्मरूपा
देवा तूचि गणेशु सकळमति प्रकाशु
ह्मणे निवृत्ति दासु अवधारिजो जी
ओम
अकार चरण युगुल उकार उदर विशाल
मकार महामंडल मस्तकाकारें
हे तिन्ही एकवटले तेथें शब्दब्रह्म कवळलें
ते मिया श्रीगुरुकृपें नमिलें आदिबीज
आतां अभिनव वाग्विलासिनी
आतां अभिनव वाग्विलासिनी जे चातुर्यार्थ कलाकामिनी
ते श्रीशारदा विश्वमोहिनी नमिली मीयां
आ आ आ आ आ
ओम नमोजी आद्या
ओम नमोजी आद्या