ज़िन्दगी बेबस हुई है बेक़सी का साथ है
एक हम है इस क़फ़स में या ख़ुदा की ज़ात है
ओ आसमान वाले शिकवा है ज़िन्दगी का
ओ आसमान वाले शिकवा है ज़िन्दगी का
सुन दास्ताँ गम की अफ़साना बेबसी का
तू देखता रहे और दुनिया हमें सज़ा दे
क्या जुर्म है मोहब्बत इतना ज़रा बता दे
तू देखता रहे और दुनिया हमें सज़ा दे
क्या जुर्म है मोहब्बत इतना ज़रा बता दे
मंज़िल पे क्यों लुटा है
मंज़िल पे क्यों लुटा है हर कारवां ख़ुशी का
ओ आसमान वाले शिकवा है ज़िन्दगी का
सुन दास्ताँ गम की अफ़साना बेबसी का
इतनी सी इल्तिजा है तुझसे मेरी दुआ की
अल्लाह शर्म रखना दुनिया में तू वफ़ा की
इतनी सी इल्तिजा है तुझसे मेरी दुआ की
अल्लाह शर्म रखना दुनिया में तू वफ़ा की
होता है मौत ही तो
होता है मौत ही तो अन्जाम ज़िन्दगी का
ओ आसमान वाले शिकवा है ज़िन्दगी का
सुन दास्ताँ गम की अफ़साना बेबसी का