आ आ आ आ
आ आ आ आ
निगाहे क्यूँ भटकती है
कदम क्यूँ डगमगाते है
निगाहे क्यूँ भटकती है
कदम क्यूँ डगमगाते है
हमी तक है हर एक मंज़िल
चले आओ चले आओ
चले आओ चले आओ
निगाहें क्यूँ भटकती है
आ आ आ आ
आ आ आ आ
तुम्हे हर मोड़ पर एक याद आईना दिखाएगी
ख़यालों मे हमारी ही कोई तस्वीर आएगी
आ आ भूलाना है बोहोत मुश्किल
चले आओ चले आओ
चले आओ चले आओ
निगाहें क्यूँ भटकती है
ये कैसा दर्द है आँखो मे कैसी सोगवारी है
जुनूँ हो जाएगा एक दिन यही जो बेकरारी है
हा ये चाहत है बड़ी कातिल
चले आओ चले आओ
चले आओ चले आओ
निगाहें क्यूँ भटकती है
कदम क्यूँ डगमगाते है
हमी तक है हर एक मंज़िल
चले आओ चले आओ
चले आओ चले आओ
निगाहें क्यूँ भटकती है