[ Featuring Mohammed Rafi ]
मुझे छू रही हैं तेरी गर्म साँसें
मेरे रात और दिन महकने लगे हैं
तेरी नर्म साँसों ने ऐसे छुआ हैं
के मेरे तो पाओं बहकने लगे हैं
लबों से अगर तुम बुला ना सको तो
निगाहों से तुम नाम लेकर बुला लो
तुम्हारी निगाहें बहुत बोलती हैं
ज़रा अपनी आँखों पे पलके गिरा दो
मुझे छू रही हैं तेरी गर्म साँसें
मेरे रात और दिन महकने लगे हैं
पता चल गया है के मंज़िल कहाँ है
चलो दिल के लम्बे सफ़र पे चलेंगे
सफ़र खत्म कर देंगे हम तो वहीं पर
जहाँ तक तुम्हारे कदम ले चलेंगे
मुझे छू रही हैं तेरी गर्म साँसें
मेरे रात और दिन महकने लगे हैं
तेरी नर्म साँसों ने ऐसे छूआ हैं
के मेरे तो पाओं बहकने लगे हैं