मेघा छाए आधी रात
बैरन बन गई निंदिया
मेघा छाए आधी रात
बैरन बन गई निंदिया
बता दे मैं क्या करूँ
मेघा छाए आधी रात
बैरन बन गई निंदिया
सब के आँगन दिया जले रे मोरे आँगन जिया
हवा लागे शूल जैसी
ताना मारे चुनरिया
सब के आँगन दिया जले रे मोरे आँगन जिया
हवा लागे शूल जैसी
ताना मारे चुनरिया
आयी हैं आँसू की बारात
बैरन बन गई निंदिया
बता दे मैं क्या करूँ
मेघा छाए आधी रात
बैरन बन गई निंदिया
आ रूठ गए रे सपने सारे टूट गई रे आशा
नैन बहे रे गंगा मोरे
फिर भी मन है प्यासा
रूठ गए रे सपने सारे टूट गई रे आशा
नैन बहे रे गंगा मोरे
फिर भी मन है प्यासा
केसे कहु रे मन की बात
बैरन बन गई निंदिया
बता दे मैं क्या करूँ
मेघा छाए आधी रात
बैरन बन गई निंदिया