मन मोहन कृष्ण मुरारी
तेरे चरणो की बलिहारी
वारी वारी जाऊ मैं बनवारी
मन मोहन कृष्णा मुरारी
पलक मुण्ड कर देखो तुमको
पलक मुण्ड कर देखो तुमको
मधुर मधुर मुसकाते
कालिंदी के तट पर बैठे
कालिंदी के तट पर बैठे
मिथि ताल सुनाते
सुन राधा सुध बुध हारी रे
सुन राधा सुध बुध हारी रे
मन मोहन कृष्णा मुरारी
तेरे चरणो की बलिहारी
वारी वारी जाऊ मैं बनवारी
मन मोहन कृष्णा मुरारी
तन तुमसे मन मोहन तुम से
तन तुमसे मन मोहन तुम से
तुमसे जीवन ज्योति
सौप चुकी मैं तुमको स्वामी
सौप चुकी मैं तुमको स्वामी
अपने मन का मोती
झूठी है ये दुनिया सारी रे
झूठी है ये दुनिया सारी रे
मन मोहन कृष्णा मुरारी
तेरे चरणो की बलिहारी
वारी वारी जाऊ मैं बनवारी
मन मोहन कृष्णा मुरारी
तेरे चरणो की बलिहारी