Back to Top

Kuchh Log Mohabbat Ko Video (MV)






Lata Mangeshkar - Kuchh Log Mohabbat Ko Lyrics
Official




मोहब्बत का ताल्लुक
शानो शौकत से नहीं होता
यह सौदा ऐसा सौदा हैं
जो दौलत से नहीं होता

कुछ लोग मोहब्बत को
कुछ लोग मोहब्बत को
ब्योपार समझते हैं
दुनिया को खिलौनो का
बाजार समझते हैं
कुछ लोग मोहब्बत को
ब्योपार समझते हैं
कुछ लोग मोहब्बत को

दौलत का नशा इन् को
कुछ इतना ज्यादा हैं
दौलत का नशा इन् को
कुछ इतना ज्यादा हैं
दुनिया की हर इक शय को
आ दुनिया की हर इक शय को
पाने का इरादा हैं
अपने को दो आलम का
अपने को दो आलम का
मुख़्तार समझते हैं
कुछ लोग मोहब्बत को

दिल क्या हैं वफ़ा क्या हैं
यह लोग ना समजेंगे
दिल क्या हैं वफ़ा क्या हैं
यह लोग ना समजेंगे
मिटने की ऐडा क्या हैं
आ मिटने की ऐडा क्या हैं
यह लोग ना समजेंगे
हर शख्स को बिकने पर
हर शख्स को बिकने पर
तैयार समजते हैं
कुछ लोग मोहब्बत को

कहिये भी तोह इन् जैसे
दिलदारों को क्या कहिये
कहिये भी तोह इन् जैसे
दिलदारों को क्या कहिये
मजबूर हैं आदत से
आ मजबूर हैं आदत से
बेचारों को क्या कहिये
हम ऐसे दिमागो को
हम ऐसे दिमागो को
हम ऐसे दिमागो को
हम ऐसे दिमागो को
बीमार समझते हैं
कुछ लोग मोहब्बत को
ब्योपार समझते हैं
कुछ लोग मोहब्बत को
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




मोहब्बत का ताल्लुक
शानो शौकत से नहीं होता
यह सौदा ऐसा सौदा हैं
जो दौलत से नहीं होता

कुछ लोग मोहब्बत को
कुछ लोग मोहब्बत को
ब्योपार समझते हैं
दुनिया को खिलौनो का
बाजार समझते हैं
कुछ लोग मोहब्बत को
ब्योपार समझते हैं
कुछ लोग मोहब्बत को

दौलत का नशा इन् को
कुछ इतना ज्यादा हैं
दौलत का नशा इन् को
कुछ इतना ज्यादा हैं
दुनिया की हर इक शय को
आ दुनिया की हर इक शय को
पाने का इरादा हैं
अपने को दो आलम का
अपने को दो आलम का
मुख़्तार समझते हैं
कुछ लोग मोहब्बत को

दिल क्या हैं वफ़ा क्या हैं
यह लोग ना समजेंगे
दिल क्या हैं वफ़ा क्या हैं
यह लोग ना समजेंगे
मिटने की ऐडा क्या हैं
आ मिटने की ऐडा क्या हैं
यह लोग ना समजेंगे
हर शख्स को बिकने पर
हर शख्स को बिकने पर
तैयार समजते हैं
कुछ लोग मोहब्बत को

कहिये भी तोह इन् जैसे
दिलदारों को क्या कहिये
कहिये भी तोह इन् जैसे
दिलदारों को क्या कहिये
मजबूर हैं आदत से
आ मजबूर हैं आदत से
बेचारों को क्या कहिये
हम ऐसे दिमागो को
हम ऐसे दिमागो को
हम ऐसे दिमागो को
हम ऐसे दिमागो को
बीमार समझते हैं
कुछ लोग मोहब्बत को
ब्योपार समझते हैं
कुछ लोग मोहब्बत को
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Hridaynath Mangeshkar, Sahir Ludhianvi
Copyright: Lyrics © Royalty Network


Tags:
No tags yet