आ जाये कोई आ जाये
आ जाये कोई आ जाये
बिगड़ी तक़दीर बन जाये
उजड़ा संसार बसा जाये
कोई आ जाये कोई आ जाये
बिगड़ी तक़दीर बना जाये
उजड़ा संसार बसा जाये
कोई आ जाये कोई आ जाये
लाख बहारे देखि है इस
बाग में मैंने आते जाते
लाख बहारे देखि है इस
बाग में मैंने आते जाते
फिर भी कली ना दिल की खिली
फिर भी कली ना दिल की खिली
कोई आकर इसे खिला जाये
कोई आ जाये कोई आ जाये
बिगड़ी तक़दीर बना जाये
उजड़ा संसार बसा जाये
कोई आ जाये कोई आ जाये
तूफा से जो हरदम खेली
प्यार किया मझदार से कितने
कश्ती है ये वो टूटी हुई
कश्ती है ये वो टूटी हुई
कोई आकार पर लगा जाये
कोई आ जाये कोई आ जाये
बिगड़ी तक़दीर बना जाये
उजड़ा संसार बसा जाये
कोई आ जाये कोई आ जाये