जीवन डोर तुम्ही संग बाँधी
जीवन डोर तुम्ही संग बाँधी
क्या तोड़ेंगे इस बंधन को
जग के तूफ़ान आंधी रे आंधी
जीवन डोर तुम्ही संग बाँधी
जीवन डोर तुम्ही संग बाँधी
हो न सके कभी हम तुम न्यारे
हो न सके कभी हम तुम न्यारे
दो तन हैं इक प्राण हमारे
चाहे मिले पथ में अंधियारे
चाहे घिरे हों बादल कारे
फिर भी रहूँगी तुम्हारी तुम्हारी
जीवन डोर तुम्ही संग बाँधी
जीवन डोर
यूँ घुल मिल रहना जीवन में
जैसे रहे कजरा अंखियन में
तेरी छवि छाई रहे मन में
तेरा ही नाम रहे धड़कन में
तेरे दरस की मैं प्यासी रे प्यासी
जीवन डोर तुम्ही संग बाँधी
जीवन डोर तुम्ही संग बाँधी
कैसा मुझे वरदान मिला है
कैसा मुझे वरदान मिला है
तुम क्या मिले भगवान मिला है
अब तो जनम भर संग रहेगा
इस मेहंदी का रंग रहेगा
तेरे चरण की मैं दासी रे दासी
जीवन डोर तुम्ही संग बाँधी