होठों पे गीत जागे मन कही दूर भागे
ख़ुशी मिली कैसी
पंख बिना उडु रोके से न रुकू
ख़ुशी मिली ऐसी
होठों पे गीत जागे मन कही दूर भागे
ख़ुशी मिली कैसी
पंख बिना उडु रोके से न रुकू
ख़ुशी मिली ऐसी
मैं हूँ गगन पे सितारे ज़मीं पर
रंग बिरंगा है हर नज़ारा
सांसो की तारे गाने लगी है
धड़कन बनी है बहती धारा
होठों पे गीत जागे मन कही दूर भागे
ख़ुशी मिली कैसी
पंख बिना उडु रोके से न रुकू
ख़ुशी मिली ऐसी
सरगम को डोरी में दीपों की मोती
सजी सपनो की मोहक माला
आशा की नगरी में आज अचानक
पहला कदम ये मैंने डाला
होठों पे गीत जागे मन कही दूर भागे
ख़ुशी मिली कैसी
पंख बिना उडु रोके से न रुकू
ख़ुशी मिली ऐसी
होठों पे गीत जागे मन कही दूर भागे (सोजा बेटी)
ख़ुशी मिली कैसी (बोहत रात हो गयी है हा हा ठीक है)
पंख बिना उडु रोके से न रुकू (कल खोल लेना कमली मान भी जाते है)
ख़ुशी मिली ऐसी