[ Featuring Mukesh ]
दो अंखिया झुकी झुकी सी
दो अंखिया झुकी झुकी सी
दो अंखिया झुकी झुकी सी
दो अंखिया झुकी झुकी सी
कलियों से नाजुक होंठों पर
कविता रुकी रुकी सी
दो अंखिया झुकी झुकी सी
दो अंखिया झुकी झुकी सी
शर्माती पलको में सपने
जब आँख मिचौली खेलें
शर्माती पलको में सपने
जब आँख मिचौली खेलें
लहराती जुल्फे मुखड़े को
साये में जब ले ले
इक खुश्बु उडी उडी सी
दो अंखिया झुकी झुकी सी
कलियों से नाजुक होंठों पर
कविता रुकी रुकी सी
दो अंखिया झुकी झुकी सी
दो अंखिया झुकी झुकी सी
एक पल लागे अपनी अपनी
और दूजे पल बेगानी
एक पल लागे अपनी अपनी
और दूजे पल बेगानी
कुछ अनजानी सी सूरत है
कुछ जानी पहचानी
आसा कर छुपी छूपीसी
दो अंखिया झुकी झुकी सी
मेरे दिल की खामोशी में
ये हलचल कौन मचाये
मेरे दिल की खामोशी में
ये हलचल कौन मचाये
एक धुंधली सी तस्वीर बने
और बनकर मिट जाए
इक हसरत दबी दबी सी
दो अंखिया झुकी झुकी सी
कलियों से नाजुक होंठों पर
कविता रुकी रुकी सी
दो अंखिया झुकी झुकी सी
दो अंखिया झुकी झुकी सी