चाँद निकलेगा जिधर हम न उधर देखेंगे
चाँद निकलेगा जिधर हम न उधर देखेंगे
जागते सोते तेरी राह गुज़ार देखेंगे
चाँद निकलेगा जिधर हम न उधर देखेंगे
इश्क़ तो होंठों पे फरियाद न लाएगा कभी
इश्क़ तो होंठों पे फरियाद न लाएगा कभी
देखने वाले मुहब्बत का जिगर देखेंगे
चाँद निकलेगा जिधर हम न उधर देखेंगे
ज़िन्दगी अपनी गुज़र जायेगी शामे ग़म में
वो कोई और ही होंगे जो सहर देखेंगे
चाँद निकलेगा जिधर हम न उधर देखेंगे
फूल महकेंगे चमन झूम के लहरायेगा
फूल महकेंगे चमन झूम के लहरायेगा
वो बहारों का समां हम न मगर देखेंगे
चाँद निकलेगा जिधर हम न उधर देखेंगे