बिछड़े हुए परदेसी
बिछड़े हुए परदेसी
इक बार तो आना तू
जब आँख मिलाई है
नज़रें ना चुराना तू
बिछड़े हुए परदेसी
वादे भी किए तूने खाई थी क़सम मेरी
वादे भी किए तूने खाई थी क़सम मेरी
वादों पे ही जीती हूँ है आस मुझे तेरी
इतनी है अरज मेरी
मुझको ना भुलाना तू
जब आँख मिलाई है
नज़रें ना चुराना तू
बिछड़े हुए परदेसी
दुनिया मुझे छीने है सबने मुझे घेरा है
दुनिया मुझे छीने है सबने मुझे घेरा है
और मेरी ज़ुबाँ पर तो बस नाम ही तेरा है
दुनिया ना हँसे मुझ पर इतना ना रुलाना तू
जब आँख मिलाई है
नज़रें ना चुराना तू
बिछड़े हुए परदेसी
गैरों का ना हो जाना जब अपना बनाया है
गैरों का ना हो जाना जब अपना बनाया है
पास आके ना खो जाना जब दिल में बसाया है
जो बात कही तूने वो बात निभाना तू
जब आँख मिलाई है
नज़रें ना चुराना तू
बिछड़े हुए परदेसी
इक बार तो आना तू
जब आँख मिलाई है
नज़रें न चुराना तू
बिछड़े हुए परदेसी