[ Featuring Mohammed Rafi ]
भीगी पलकें उठा मेरी जान घम ना कर
दिन जुदाई के यह भी गुज़र जायेंगे
जब तलक तेरी बांहे मिलेंगी मुझे
तब तलक तो यह गेसू बिखर जायेंगे
भीगी पलकें उठा
मेरे तन की कली घम से जल जायेगी
मेरे तन की कली घम से जल जायेगी
रंग उतर जायेगा धूप ढल जायेगी
रंग उतर जायेगा धूप ढल जायेगी
आ पड़ी है कुछ ऐसी उलझन मगर
फिर भी तेरे दीवाने किधर जायेंगे
भीगी पलकें उठा
जिन्दगी है तोह मिल ही रहेंगे गले
जिन्दगी है तोह मिल ही रहेंगे गले
जा रही हैं बहारें तोह जाने भी दो
जा रही हैं बहारें तोह जाने भी दो
दो ही दिन तोह मिले जिंदगानी के दिन
क्या यह दो दिन भी यू ही गुजर जायेंगे
भीगी पलकें उठा मेरी जान घम ना कर
दिन जुदाई के यह भी गुज़र जायेंगे
भीगी पलकें उठा