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Lata Mangeshkar - Bhatke Huye Musafir Lyrics



Lata Mangeshkar - Bhatke Huye Musafir Lyrics
Official




भटके हुए मुसाफिर मंज़िल को ढूंढते है
दिल खो गया हमारा हम दिल को ढूंढते है

वो पास नहीं मजबूर है दिल हम आस लगाए बैठे हैं
उम्मीद भरे अरमानों का तूफ़ान छुपाए बैठे हैं

जाओ के वोही बेदर्द हो तुम वादों का जिन्हे कुछ ख़ास नहीं
हम हैं कि तुम्हारे वादों पर दुनिया को भुलाए बैठे हैं
वो पास नहीं मजबूर है दिल हम आस लगाए बैठे हैं

बर्बाद है दिल उजडा है चमन बेरंग हुयी फूलों की खबन
बेकार उलझते काँटों से दामन को बचाए बैठे हैं
वो पास नहीं मजबूर है दिल हम आस लगाए बैठे हैं
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भटके हुए मुसाफिर मंज़िल को ढूंढते है
दिल खो गया हमारा हम दिल को ढूंढते है

वो पास नहीं मजबूर है दिल हम आस लगाए बैठे हैं
उम्मीद भरे अरमानों का तूफ़ान छुपाए बैठे हैं

जाओ के वोही बेदर्द हो तुम वादों का जिन्हे कुछ ख़ास नहीं
हम हैं कि तुम्हारे वादों पर दुनिया को भुलाए बैठे हैं
वो पास नहीं मजबूर है दिल हम आस लगाए बैठे हैं

बर्बाद है दिल उजडा है चमन बेरंग हुयी फूलों की खबन
बेकार उलझते काँटों से दामन को बचाए बैठे हैं
वो पास नहीं मजबूर है दिल हम आस लगाए बैठे हैं
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Writer: Roshan, J Nakshab
Copyright: Lyrics © Royalty Network




Lata Mangeshkar - Bhatke Huye Musafir Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Lata Mangeshkar
Length: 2:46
Written by: Roshan, J Nakshab

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