अजनबी कौन हो तुम जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया मेरी आँखों में सिमट आई है
अजनबी कौन हो तुम जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया मेरी आँखों में सिमट आई है
अजनबी कौन हो तुम
तुम तो हर गीत में शामिल थे तरन्नुम बनके
तुम मिले हो मुझे फूलों का तबस्सुम बनके
ऐसा लगता है के बरसों से शमा आज आई है
अजनबी कौन हो तुम जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया मेरी आँखों में सिमट आई है
अजनबी कौन हो तुम
ख़्वाब का रँग हक़ीक़त में नज़र आया है
दिल में धड़कन की तरह कोई उतर आया है
आज हर साँस में शहनाइयों सी लहराई है
अजनबी कौन हो तुम जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया मेरी आँखों में सिमट आई है
अजनबी कौन हो तुम
कोई आहट सी अंधेरों में चमक जाती है
रात आती है तो तनहाई महक जाती है
तुम मिले हो या मोहब्बत ने ग़ज़ल गाई है
अजनबी कौन हो तुम जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया मेरी आँखों में सिमट आई है
अजनबी कौन हो तुम