कोई क्या पहचाने, जिसका ग़म वो ही जाने
कोई क्या पहचाने, जिसका ग़म वो ही जाने
बेगाने लगे अपने और अपने लगे बेगाने
कोई क्या पहचाने, जिसका ग़म वो ही जाने
कोई क्या पहचाने, जिसका ग़म वो ही जाने
क्या है मिलना, क्या बिछड़ना, खेल सब तक़दीर के
एक होके क्यूँ हैं लगते रंग दो तस्वीर के
वक़्त बदले, बदले चेहरे, कब हो क्या किसको पता
यही दुनिया की रीत है, कोई माने या ना माने
कोई क्या पहचाने, जिसका ग़म वो ही जाने
कोई क्या पहचाने, जिसका ग़म वो ही जाने
मुस्कुराहट की लहर में आँसुओं की प्यास हैं
दूर दिल से दिल की धड़कन, फिर भी आस पास है
क्या वफ़ा, क्या बेवफ़ाई, राज़ ये जाने है हम
कोई करता नहीं जान के, होती है खता अनजाने
कोई क्या पहचाने, जिसका ग़म वो ही जाने
कोई क्या पहचाने, जिसका ग़म वो ही जाने
बेगाने लगे अपने और अपने लगे बेगाने
कोई क्या पहचाने, जिसका ग़म वो ही जाने