[ Featuring Vibha Sharma ]
कैसे कहु कैसे हो तुम
कोई नहीं जैसे हो तुम
जान भी तुम और दिल भी तुम
सब कुच्छ हो ऐसे हो तुम
राहों में, बाहों में
आहों में तुम ही तुम
कैसे कहूँ कैसे हो तुम
कोई नहीं जैसे हो तुम
राह भी तुम, मंज़िल भी तुम
सब कुच्छ हो ऐसे हो तुम
आँखों में, नींदों में
ख्वाबों में तुम ही तुम
कैसे कहूँ कैसे हो तुम (कोई नहीं जैसे हो तुम)
तुम हो जहाँ मैं हूँ वहीं
तुम बिन सनम मैं कुच्छ नहीं
तुम हो हसीन, तुम महज़बीन
तुम नाज़नी , तुम दिलनशीं
मेरे दिल में तुम हो, तुम ही तुम
कैसे कहूँ कैसे हो तुम
कोई नहीं जैसे हो तुम
सागर भी, साहिल भी तुम
सब कुच्छ हो ऐसे हो तुम
कलियों में, फूलों में
तारों में तुम ही तुम
तुम जब मिले में खो गयी
तुम पर फिदा में हो गयी
तुम ज़िंदगी, तुम ताज़गी
तुम रोशनी, तुम चाँदनी
मेरे दिल में तुम हो, तुम ही तुम
कैसे कहूँ कैसे हो तुम
कोई नहीं जैसे हो तुम
मेहमान भी, महफ़िल भी तुम
सब कुच्छ हो ऐसे हो तुम
गीतों में, रागों में
साज़ों में तुम ही तुम
हो कैसे कहूँ कैसे हो तुम
कोई नहीं जैसे हो तुम
जान भी तुम और दिल भी तुम
सब कुच्छ हो ऐसे हो तुम