याद है दिन याद से मिलने की
जब आती थी रात
अरे जागते रहते थे दो दिल
और सो जाती थी रात
हाय हिज़र के सिक्वे करते
रोते रोते हस् पड़ते
देर तक दीवानो की सी
बाते करते रहते हम
आहे था क्या ज़माना
खुदा की कसम
आहे था क्या ज़माना
खुदा की कसम
सबसे तो उनकी थी
पहचान दूर की
हमसे था दोस्ताना
खुदा की कसम
हमसे था दोस्ताना
खुदा की कसम
आहे था क्या ज़माना
खुदा की कसम
न पूछो न हाय हाय न पूछो
के आफत की थी एक निसानी
हमारी नजर और किसी की जवानी
हमारी नजर और किसी की जवानी
मुलाकात को हर जातां कर गुजरते
मगर दिल धड़कते
ज़माने के दर से
मगर दिल धड़कते
ज़माने के दर से
अँधेरी गली ऊँची नीची डगर
चुराये बदन और बचाये नजर
अरे हर कदम ठोकरे चलना
अरे लगता था क्या
सुहाना खुदा की कसम
अरे लगता था क्या सुहाना
खुदा की कसम
आहे था क्या ज़माना
खुदा की कसम
हे ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ
इधर आ हाय हाय इधर आ
हसीना तुझे हम बताये
यही हुसैन था और यही थी अदाए
यही हुसैन था और यही थी अदाए
इसी जुल्फ़ की चौ में जी चूका हु
थे ऐसे ही लैब
जिनका रस पी चुका हु
थे ऐसे ही लैब
जिनका रस पी चुका हु
वो सुरत अभी तक याद है
जिसे मेरा इश्क बर्बाद है
कोई भुला दे मगर मेरे वास्ते
अरे मुश्किल है भूल जाना
खुदा की कसम
अरे मुश्किल है भूल जाना
खुदा की कसम