[ Featuring Vijayta Pandit ]
सुन गिनिया अरे जा सुन गिनिया
नही करूँगा अब ग़लती
जो तू ना रूठे रे कभी
नही करूँगा अब ग़लती
जो तू ना रूठे रे कभी
मैल हो तो छूट जाए
आदत ना छूट रे कभी
हो हो सुन गिनिया अरे जा
नही करूँगा अब ग़लती
जो तू ना रूठे रे कभी
मैल हो तो छूट जाए
आदत ना छूट रे कभी
हे हे
सुन गिनिया अरे जा
हो हो हो
आजा रे अब
आजा रे अब लौट के तू आजा
अकेला मई रह ना सकूँगा
अरे गिनिया मुझे छोड़ गयी काहे
मैं दुनिया से कह ना सकूँगा
चल चल तू चल चल तू
कितना सीधा साधा है देख लिया रे
कचा एक धागा तेरा वादा है देख लिया रे
हो हो सुन गिनिया अरे जा
ये ना साँझ ये ना साँझ दिल को दोबारा
मैं फिर से कही अब जोड़ दूँगा
अरी तेरे बिना हाथो से अपने
मैं अपना ही दिल तोड़ दूँगा
रहने दे रहने दे
इन बतो मे दम नही है
मेरी गिनिया कुछ भी कहे
मुझको कोई गम नही है
हो हो
सुन गिनिया अरे जा