सवेरे का सूरज तुम्हारे लिये है
सवेरे का सूरज तुम्हारे लिये है
के बुझते दिये को ना तुम याद करना
हुए एक बीती हुई बात हम तो
हुए एक बीती हुई बात हम तो
कोई आँसू हम पर ना बरबाद करना
सवेरे का सूरज तुम्हारे लिये है
तुम्हारे लिये हम, तुम्हारे दिये हम
लगन की अगन में अभी तक जले हैं
हमारी कमी तुम को महसूस क्यों हो
सुहानी सुबह हम तुम्हें दे चले हैं
जो हर दम तुम्हारी खुशी चाहते हैं
जो हर दम तुम्हारी खुशी चाहते हैं
उदास होके उनको ना नाशाद करना
सवेरे का सूरज तुम्हारे लिये है
सभी वक़्त के आगे झुकते रहे हैं
किसी के लिये वक़्त झुकता नहीं है
बड़ी तेज़ रफ्ताऱ हे ज़िंदगी की
किसी के लिये कोई रुकता नहीं है
चमन से जो एक फूल बिछड़ा तो क्या है
चमन से जो एक फूल बिछड़ा तो क्या है
नये गुल से गुलशन को आबाद करना
सवेरे का सूरज तुम्हारे लिये है